ह्यूस्टन, टेक्सास क्नाप्तोंस का नमस्कार। परमेश्वर आपको यीशु मसीह के महान सुसमाचार सेवक और अत्यधिक प्रिय सन्तान के रूप में आशीष प्रदान करे ! इस कठिन समय के दौर मे, जब हम प्रतिदिन परमेश्वर पर, एक दूसरे पर और स्वयं के विश्वास पर निर्भर रहते है, हम परमेश्वर से अधिक से अधिक अनुग्रह प्राप्ति के लिए परमेश्वर पर भरोसा करे। परमेश्वर चुप नहीं हैं और न वह सोता है। हमारी प्रति दिन की प्रार्थनाओ, गवाही देने, वचन पढने और आराधना करने के दौरान वह हम से बहुत कुछ कहना चाहता है।
हम उत्तर भारत में लाइव स्कूलों को अग्रसित करने और उनका संचालन करने के लिए आपके साथ मिल कर कार्य कर रहे है। जब हम आपके साथ मिलकर कार्य कर कहे है, हम प्रति-दिन उसके वचन और कार्य, और आप के प्रति समर्पित होना प्रतिदिन सीख रहे है।
आइए हम परमेश्वर के राज्य के लिए अनन्त फल का उत्पादन करने के इस सार्थक प्रयास के लिए, स्वयं को पूर्णरूप से प्रतिबद्ध करें, जोकि यीशु के लिए अनेक आत्माओं का उद्धार और चेले बनाना है।
यशायाह 61:11 कहता है “क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के साम्हने धामिर्कता और धन्यवाद को बढ़ाएगा।”
प्रति दिन निरंतर लाइव स्कूल के बीज को बोते रहे और परमेश्वर शेष कार्य को करेगा!
यशायाह 60:1-5 भी हम को प्रोत्साहित करता है कि हम देखे कि परमेश्वर की महिमा आ रही है इसलिए उठ और समस्त राष्ट्रों में प्रकाशित हो! “तब तू इसे देखेगी और तेरा मुख चमकेगा, तेरा हृदय थरथराएगा और आनन्द से भर जाएगा; क्योंकि समुद्र का सारा धन और अन्यजातियों की धन-सम्पति तुझ को मिलेगी।“
“हम धन्य है, हम आशीषो को स्वयं पर व्यय नहीं करते है, परन्तु दूसरों को आशीष प्रदान करते है “आशीष देने वाला धन्य होता है!” यदि आप ने अभी भी लाइव स्कूल के सत्रों को देखना प्रारम्भ नहीं किया है तो आप लाइव स्कूल के कुछ सत्रों को देखना प्रारंभ कर दे, ताकि जिन छात्रो के लिए हम और आप प्रार्थना कर रहे है कि वह अगली पीढ़ी के लिए फसल को काटने वाले बने, जो दुःख के साथ बीज को बोयें परन्तु आनंद के साथ कटनी को काटे, ताकि आप उन छात्रो को आप प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम हो सके